Tuesday, 25 June 2019

रोषणी

अंथेरा था जिंदगी मे
रोषणी अब तुम आई
अनजान था मैं
प्यार की परिभाषा तुमने सिखलाई

सुबह और श्याम
जेसे रोज होती हैं
वेसे ही मेरी जिंदगी
तुम्हारे सिवा अधुरीसी है

खोया खोया रहता हूँ
तेरी यादो मैं
सोता हु तो जागता हूँ
तेरे खाव्बो मैं

अब तो तुम
सांस हो मेरी
तुम ही नही
तो जिंदगी...
अधुरीसी है मेरी

रोषणी तुम हमेशा साथ रहना मेरे
नही तो ये अंथेरा खा जायेगा मुझे
हर जन्म साथ रहना मेरे
कसम है मेरी तुझे
  ✍________सागर लाहोळकार
                      ८९७५१३९६०४
                           अकोला

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